छठ की गूंज नागालैंड की पहाड़ियों तक – संस्कृति की जीवंत धड़कन ने जीता दिल

संवाद 

छठ पूजा, जो मूल रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वांचल की धरती से जुड़ा एक आस्था का महान पर्व है, अब इसकी गूंज पूरे भारत के कोने-कोने में सुनाई देने लगी है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति, भक्ति और भावनाओं का समागम है। इसका ताजा उदाहरण नागालैंड की हरी-भरी पहाड़ियों से सामने आया है, जहां एक स्थानीय लड़की ने अपनी मधुर आवाज में छठी मइया का गीत गाकर सबका दिल जीत लिया।

उसकी आवाज में छठ की माटी की सुगंध महसूस होती है, जैसे वह धरती से जुड़ी हर आस्था को आत्मसात कर चुकी हो। उसने यह साबित कर दिया कि भारत की संस्कृति केवल भौगोलिक सीमाओं में बंधी नहीं, बल्कि दिलों में बसे प्रेम, भक्ति और एकता की धुन है। जब नागालैंड की पहाड़ियों में बसे लोग छठी मइया के गीतों में खोए दिखे, तो यह केवल संगीत का असर नहीं था, यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना का सजीव उदहारण था।

यह दृश्य बताता है कि छठ पूजा अब केवल बिहार का पर्व नहीं रहा, बल्कि यह पूरे देश में अपनी सांस्कृतिक छाप छोड़ता जा रहा है। जब भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य की एक बेटी अपनी मधुर आवाज से सूर्य देव और छठी मइया की महिमा का गुणगान करती है, तो वह यह दर्शाती है कि हमारी संस्कृति कितनी गहरी, विस्तृत और जीवंत है।

यह सिर्फ एक गीत नहीं, भारत की विविधता में एकता की धड़कन थी, जिसे सुनकर हर किसी को गर्व महसूस हुआ।

देश, संस्कृति और आस्था की इसी अटूट यात्रा के लिए पढ़ते रहिए – मिथिला हिन्दी न्यूज

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