रोहित कुमार सोनू
छठ महापर्व की शुरुआत आज नहाय-खाय से हो गई है। यह व्रत के चार दिवसीय क्रम का पहला दिन होता है, जिसमें व्रती शुद्ध जल में स्नान कर शाकाहारी और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। इस दिन विशेष रूप से कद्दू-भात (लौकी या कद्दू की सब्जी के साथ चावल) का सेवन किया जाता है।
यह सिर्फ एक परंपरा भर नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद लाभकारी है।
✅ क्यों खाया जाता है नहाय-खाय में कद्दू भात?
कद्दू को शुद्ध और सात्विक माना जाता है। यह शरीर को हल्का रखने के साथ ऊर्जा भी प्रदान करता है, जिससे व्रती आगामी दिनों में निर्जला व्रत निभाने के लिए शारीरिक रूप से तैयार हो जाते हैं।
🥗 कद्दू भात के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ
| लाभ | कैसे असर करता है? |
|---|---|
| ⚡ ऊर्जा बढ़ाता है | कद्दू में नैचुरल शुगर और कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो एनर्जी लेवल को बूस्ट करते हैं। |
| 🛡️ इम्यून सिस्टम मजबूत करता है | इसमें विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और बीटा-कैरोटीन होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। |
| ❤️ हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा | कद्दू में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। |
| 😌 डाइजेशन को बेहतर करता है | कद्दू आसानी से पच जाता है और पेट को हल्का रखता है। |
| 💧 शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखता है | इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे निर्जला व्रत के लिए शरीर तैयार होता है। |
🍽️ पूजा और स्वास्थ्य का संतुलित रूप
कद्दू-भात का सेवन न केवल धार्मिक दृष्टि से शुद्ध माना जाता है, बल्कि यह शरीर को पोषक तत्वों से भी भर देता है, जैसे:
- विटामिन A, B, C
- पोटैशियम, मैग्नीशियम
- आयरन व फाइबर
इस तरह व्रती आने वाले कठिन तप के लिए सहज रूप से तैयार हो जाते हैं।
🙏 छठ की शुरुआत सात्विकता और पवित्रता के साथ
नहाय-खाय के बाद व्रती अपने खान-पान में विशेष अनुशासन अपनाते हैं और मन, वचन एवं कर्म से स्वच्छ रहकर छठी मैया की आराधना प्रारंभ करते हैं।
🌞 छठ महापर्व की मंगल शुरुआत पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
📌 सेहत और श्रद्धा का ये संगम जारी रखें, पढ़ते रहिए मिथिला हिन्दी न्यूज