अपराध के खबरें

जिंदगी उम्मीद का इक दरिया


राजेश कुमार वर्मा



जिंदगी इक उम्मीद का दरिया!
इसमें तैरना है सांसे थाम।
अपनी-अपनी किस्मत है!
कुछ गोते में दर्द ,
कुछ में आँसूओं की दास्तां!
तो कुछ इसमें डुबकियां लगाने वाले,
लिख रहें हैं सफलता का इतिहास!
कुछ के हिस्से में है संघर्ष,
किसी के हालात हैं मुश्किल भरे।
हमेशा पार कर जाना है!
इसलिए जिंदगी में ठहराव है जरूरी,
क्योंकि यही लक्ष्य के नाव पर बिठाकर!
दुःख को पतवार बनाकर,
नाकामयाबी के लहरों को चीरकर!
कामयाबी के हौसले जगाता है।
-----लेखक -(डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक, पटना)

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