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Solar Eclipse 2020: कंकणाकृति सूर्य ग्रहण आज गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान

पंकज झा शास्त्री 

मिथिला हिन्दी न्यूज :-आषाढ़ मास अमावस्या तिथि, रविवार मृगशिरा नक्षत्र , मिथुन राशि में ,आज लगने वाला सूर्य ग्रहण का नजारा अद्भूत तथा कंकनाकृत एक गोल छल्ले के आकार का देखने को मिलेगा। लगभग इसी तरह का नजारा 25 वर्ष पहले 24 अक्टूबर 1995 को घटित हुआ था। 21 जून 2020 रविवार है जो सूर्य का अपना दिन माना जाता है इसलिए इस ग्रहण को चूड़ामणि नाम से भी जाना जाता है। इस सूर्य ग्रहण के दौरान 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र, बुध, राहु, केतु वक्री अवस्था में होंगे इसे भी एक अजीब संयोग ही कह सकते है, साथ ही यह ग्रहण ऐसे दिन होने जा रहा है जब उसकी किरणे कर्क रेखा पर सीधी पड़ेगी। इस दिन उतरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव प्रभावित होती है। इस ग्रहण का परमग्रास लगभग 99.4% रहेगा। यानि कुछ स्थानों पर सूर्य पूरी तरह छिप जाएगा। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। यह ग्रहण उत्तर भारत में नजर आएगा जबकि पूर्वोत्तर भारत में अधिकतम 38 सेकेंड के लिए सूर्य चांद के पीछे पूरी तरह से छिप जाएगा। यह ग्रहण बहुत ही दुर्लव अवस्था में होगा। इसके बाद ऐसा नजारा 900 वर्ष बाद ही देखा जा सकता है। इस कारण ज्योतिषयों और वैज्ञानिकों की गहरी नजर इसपर रहेगी। इस सूर्य ग्रहण का केवल मात्र बाहरी परत ही दिखाई देगा जो एक रिंगनुमा के सामान होगा। इस ग्रहण का विश्वव्यापी असर दिखाई देगा, खासकर भारत सहित दक्षिण पूर्वी यूरोप, अफ्रीका, अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान एवं वर्मा पर दिखाई देगा जो चिंता का विषय कहा जा सकता है। विज्ञान की माने तो सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए साथ ही सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर पूरी तरह से सूर्य का प्रकाश नहीं आ पाता है जिस कारण खाद्य पदार्थ पर हानिकारक बैक्टीरिया का प्रभाव ज्यादा रहता है जबकि ज्योतिष एवं सनातन धर्म के अनुसार लोगो को पहले ही सलाह दिया जाता है कि ग्रहण को नहीं देखना चाहिए और न ही इस समय किसी भी प्रकार का खाना पीना चाहिए।
ग्रहण के दौरान किसी भी देवी देवता या अपने इष्ट का नाम जरूर जाप या ध्यान करना चाहिए। वैसे तो सभी के लिए खास कर गर्भवती महिला को घर से बाहर निकलना वर्जित है, एवं दंपति को रति क्रिया से भी परहेज़ करना चाहिए।
ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण का असर राशियों पर भी पर सकता है जैसे- मेष- नाश, वृष- कष्ट, मिथुन- पीड़ा, कर्क- सुख, सिंह- चिंता, कन्या- व्यथा, तुला- धननाश, वृश्चिक- क्षति, धनु- घात, मकर- हानि, कुंभ- लाभ, मीन- सुख।
उपरोक्त फलादेश संक्षिप्त में है साथ ही किसी भी ग्रहण के प्रभाव का संकेत ग्रहण लगने के कुछ दिन पहले से या कुछ दिन बाद तक दिखा सकता है।
मिथिला क्षेत्रीय पंचांग अनुसार 21 जून 2020 को लगने वाला सूर्य ग्रहण दिन के 10:19 से प्रारंभ होगा, मोक्ष दिन के 02:05 तक होगा। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व ही लग जाता है।
ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी रखें साथ ही किसी योग्य से परामर्श जरूर ले। आप सभी का कल्याण हो।

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