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बिहार विधानसभा चुनाव विशेष : जानिए बनियापुर विधानसभा का सियासी शतरंज

अनूप नारायण सिंह 

मिथिला हिन्दी न्यूज :- 2010 के विधानसभा परिसीमन में बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में मसरख विधानसभा के विलोपित हुए 70 फ़ीसदी भाग को शामिल कर दिया गया और बनियापुर के पूर्व के क्षेत्र को एकमा में शिफ्ट कर दिया गया. 2010 के परिसीमन से पहले बनियापुर विधानसभा क्षेत्र भूमिहार मतदाता बहुल्य था.यहां से उमा पांडे लंबे समय तक विधायक रही बाद में धूमल सिंह का उदय भी बनियापुर से ही हुआ. नए परिसीमन के बाद यह विधानसभा क्षेत्र राजपूत मतदाता बाहुल्य हो गया.बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में राजद के उम्मीदवार तथा पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के अनुज केदारनाथ सिंह लगातार विजयी होते आ रहे हैं इस बार जीत की हैट्रिक बनाने के लिए वे जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं.2010 के बिधानसभा चुनाव में यहाँ से पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के अनुज केदारनाथ सिंह राजद के टिकट पर चुनाव जितने में सफल रहे.उन्होने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी जदयू के वीरेंदर ओझा को 3575 मतों से पराजित किया था. राजद उमीदवार को45259 जदयू को 41684 निर्दलीय सचिदानंद राय को 7676 और कांग्रेस के शैलेश कुमार सिंह को 4114 वोट मिला था. बाद में सच्चिदानंद राय भाजपा में चले गए तथा स्थानीय प्राधिकार से विधान पार्षद निर्वाचित हुए कांग्रेस वाले शैलेश कुमार सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया तथा मसरख के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह भाजपा के यहां से 2015 में उम्मीदवार बनाए गए. जदयू आरजेडी के गठबंधन के तरफ से निवर्तमान विधायक केदारनाथ सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया गया वीरेंद्र ओझा ने हम का दामन थाम लिया पर गठबंधन मे यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई इसलिए वह भी निर्दलीय उम्मीदवार हो गए. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से राजद केदारनाथ सिंह को 69151 तथा भाजपा के तारकेश्वर सिंह को 5390 मत मिले. निर्दलीय बिरेन्द्र ओझा 10,000 के आंकड़े के अंदर ही सिमट कर रह गए है. और राजद के केदारनाथ सिंह लगातार दूसरी बार यहां से चुनाव जीत गए. इस बार यहां से निवर्तमान विधायक केदारनाथ सिंह का राजद से टिकट कंफर्म है वे क्षेत्र में सक्रिय हैं चुनाव प्रचार भी प्रारंभ हो चुके है दूसरी तरफ बात करें तो अगर यह सीट जदयू छोड़ देता है तो भाजपा से पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह का टिकट भी कंफर्म है. इस बार भाजपा को जदयू का भी साथ मिला है. मसरख से लगातार तीन टर्म राजद के विधायक रहे तारकेश्वर सिंह पिछली बार की गलतियों को नहीं दुहराना चाहते हैं इसलिए क्षेत्र के वोटरों से सीधे कनेक्ट हो रहे हैं. पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़े वीरेंद्र ओझा इस बार जदयू खेमे में है वह भी टिकट के लिए जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं यह सीट जदयू के कोटे की है. सूत्रों पर विश्वास करें तो भाजपा अमनौर के बदले बनियापुर के सीट की अदला बदली का प्रस्ताव दे चुकी है. वैसे ओझा जी के निर्दलीय चुनाव लड़ने के भी आसार हैं. भाजपा राज्य कार्य समिति के वरिष्ठ नेता और भूमिहार बिरादरी से आने वाले आनंद शंकर भी भाजपा के टिकट के लिए दिल्ली से पटना तक एक किए हुए हैं. वह भी भाजपा प्रत्याशी के रूप में क्षेत्र में घूम रहे हैं. मसरख से जिला परिषद की सदस्य पुष्पा सिंह भी चुनावी तैयारी में लगी हुई हैं उनका भी चुनाव लड़ना निश्चित है आम आदमी पार्टी से बातचीत चल रही है आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह इसी विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके और संप्रति भाजपा में शामिल शैलेश कुमार सिंह भी गुपचुप तरीके से चुनावी तैयारी में लगे हैं वह किस दल से लड़ेंगे अभी तक यह कंफर्म नहीं है. निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सुमित गुप्ता भी क्षेत्र में हवा बनाने में लगे हुए हैं. पर यहां मुख्य मुकाबला राजद व भाजपा के बीच ही होना है. कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो राजद व भाजपा के प्रत्याशी भी पिछली बार वाले होंगे ऐसे में राजद उम्मीदवार केदारनाथ सिंह यादव मुस्लिम दलित पिछड़ा व पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के कट्टर समर्थकों के सहारे जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश करेंगे. बनियापुर प्रभुनाथ सिंह का गृह विधानसभा क्षेत्र है जबकि मोदी मैजिक व नीतीश कुमार के सुशासन के बल पर तारकेश्वर सिंह नए परिसीमन के बाद पहली बार यहां कमल का फूल खिलाने की कोशिश करेंगे. वीरेंद्र ओझा का क्षेत्र के भूमिहार मतदाताओं पर अच्छा खासा प्रभाव है यह क्या कदम उठाएंगे इसका सीधा असर भाजपा प्रत्याशी के सेहत पर पड़ने वाला है. भाजपा से टिकट चाहने वाले आनंद शंकर भी भूमिहार बिरादरी से ही हैं. कोरोना काल के बावजूद क्षेत्र में चुनावी हलचल बढ़ चुकी है राजद के तरफ से केदारनाथ सिंह एकलौती दावेदार हैं इस कारण से वे अपने चुनावी तैयारी को फाइनल टच देने में लगे हुए हैं तारकेश्वर सिंह भी भाजपा के टिकट को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं पर भाजपा से टिकट चाहने वाले अन्य दावेदार क्षेत्र में अपनी-अपनी हवा बनाने में लगे हुए हैं. वैसे क्षेत्र में जनता को बधाई संदेश देते दर्जनों नए चेहरों के पोस्टर भी नजर आ रहे हैं पर वे न कहीं लड़ाई में है ना कहीं जातीय समीकरण के गणित में. आम आदमी पार्टी की संभावित उम्मीदवार पुष्पा सिंह राजपूत बिरादरी से हैं मसरख से जिला परिषद के सदस्य हैं भोजपुरी गायिका के रूप में उनकी पहचान है क्षेत्र के युवाओं में वह भी लोकप्रिय है.
©अनूप
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