मिथिला हिन्दी न्यूज : तिब्बत के सवाल पर भारत सरकार को आक्रमक नीति अख्तियार करना चाहिए।तिब्बत की आजादी के लिए भारत सरकार को विश्व समुदाय को गोलबंद करने की पहल आज की आवश्यकता है।उक्त बातें भारत तिब्बत मैत्री संघ सीतामढ़ी शाखा के सचिव रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा है।रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि समय आ गया है कि भारत सरकार भारत के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती सांसद को मान्यता प्रदान करे।और तिब्बत के सर्वोच्च धार्मिक नेता परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न की उपाधि प्रदान कर भारतीय सांसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करने का अवसर प्रदान किया जाय। रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि तिब्बती भारत को अपना गुरु देश मानता है।निर्वासित तिब्बती लोग यह अपेक्षा भारत सरकार से करता है कि परम पावन के जीवन काल में ही तिब्बत चीन की गुलामी से आजाद होगा।साथ ही रीतेश कुमार गुड्डू ने कहा कि जिस तरह चीन सांस्कृतिक क्रांति के नाम पर तिब्बत को गुलाम बनाकर तिब्बती सभ्यता सस्कृति को नस्ट कर दिया है अगर नेपाल नहीं चेता तो उसका भी हाल तिब्बत की तरह हो जाएगा।चीन एक विस्तारवादी देश है।नेपाल को चीन के झांसे में नहीं आना चाहिए ।