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सोनबरसा के परछहिंया में पावर ग्रिड पर दर्जनों अज्ञात लोगों का हमला,कुर्सी, मोबाइल तोड़ा, रजिस्टर फाड़ी कर्मियों की पिटाई भी की कनिय अभियंता ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज कराई प्राथमिकी

7 अगस्त 2020

विमल किशोर सिंह

मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय, सीतामढ़ी, बिहार


सीतामढ़ी/बिजली की किल्लत क्यो है,इसकी सही जानकारी का अभाव लोगो में था,लोग स्थानीय ग्रिड के कर्मी को इस बिजली किल्लत का दोषी मान रहे थे,सम्भवतः यह हमला भी अज्ञानतावश कर डाला ?
भीषण गर्मी में लगातार बिजली कि किल्लत से परेशान होकर अज्ञात लोगों ने फरछहिया बिजली ग्रिड पर हमला कर दिया,ग्रिड में रजिस्ट्र को फार डाला गया,कुर्सियां तोड़ डाली गई।बिजली कर्मियों के साथ मार पीट की गई।
इस घटना की सूचना लिखित आवेदन के जरिये रात्रि ड्यूटी पर तैनात रौशन व प्रदीप ने कनिये अभियन्ता को दी जिसके बाद कनिय अभियंता गौतम कुमार ने सोनबरसा थाना में आवेदन देकर अररिया गांव से पहुंचे करीब 45 से 50 अज्ञातों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है।प्राथमिकी में बताया गया है की बिजली की किल्लत के कारण बारी बारी से ग्रिड के विभिन्न फीडरों में बिजली सप्लाई की जा रही थी, बीते 4 अगस्त मंगलवार की रात्रि करीब नौ बजे भुतही फीडर के अररिया गांव के 45 से 50 लोग ग्रिड पहुंचे और बिजली कर्मी रौशन कुमार तथा सहायक प्रदीप कुमार शर्मा के साथ मारपीट की ग्रिड का मोबाइल तोड़ डाला गया,फोटो खींचने पर सहायक प्रमोद का मोबाइल छीन कर फोटो डिलीट करते हुए एफआईआर करवाने पर जान मारने तक कि धमकी दी गयी।साथ ही बिजली का स्विच ऑन करने का प्रयास किया गया।ग्रिड में किसी फीडर का सट डाउन होने पर आगे से लाइनमैन व अधिकारी द्वारा ओके होने पर ही बिजली सप्लाई दी जाती है,अन्यथा लाइन मैन की जान जा सकती है।लेकिन लोगो ने स्विच को चालू करने का असफल प्रयास भी किया।विभाग के अधिकारी व कर्मी ने हमला करने वाले लोगो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मालूम हो कि--बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कम्पनी लिमिटेड ने आम सूचना निकाल कर बिजली सप्लाई में क्यों कमी है इसकी जानकारी लोगो को दिया है।जिसमे बताया गया है कि--उतर बिहार में आई भीषण बाढ़ के कारण 400/132 के वी,ग्रिड उप केंद्र मोतिहारी,400/220 के वी ग्रिड उप केंद्र दरभंगा एवम 220/132/33 के वी ग्रिड उप केंद्र अमनौर से सम्बंधित संचरण लाइनों से विधुत आपूर्ति बर्तमान में पूर्ण रूपेण बाधित है,जिससे सीतामढ़ी सहित कई जिलों में वैकल्पिक ब्यवस्था के तहत उपलब्ध अन्य स्रोतों से बिजली काफी कम बिजली सप्लाई जारी है। इन समस्याओं पर काबू पाने का प्रयास युद्धस्तर पर जारी है 
कनीय अभियंता गौतम कुमार ने बताया की--ग्रिड में कर्मी डरे हुए हैं,उनकी सुरक्षा निश्चित करना विभाग व पुलिस की जवाबदेही है।इस मामले में सख्त और सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
 तो क्या,बिजली की किल्लत क्यो है,इसकी सही जानकारी के अभाव में लोगो ने हमला कर डाला ?
चर्चा इस बात की भी है कि-कोरोना संकट के लाकडाउन के दौरान बाहर से पहुंचे वैसे लोग इसमी शामिल थे जो बाहर मजदूरी करते हैं और इस वक्त गांव में हैं।हांलाकि अभी किसी के पहचान की बात सामने नही आई है।
लेकिन दबी जुबान से जो चर्चा है उसके मुताविक--बीते 4 अगस्त को आग उगलती गर्मी से लोग बेहाल थे,उसपर बिजली का गायब होना लोगो को परेशान कर रखा था।उससे पहले से भी बिजली नही के बराबर सप्लाई है और लोग इसे ग्रिड के लोगो की मनमानी समझ रहे थे।शायद इस एरिया के लोगो को यह जानकारी नही मिल रही थी कि बिजली क्यों बाधित है।इसी बीच ग्रिड के निकट बसे एक गांव के दर्जनों लोग गुस्सा में पहुंचे थे लेकिन उन्हें समझा कर लौटा दिया गया था,लेकिन अररिया से कई ऑटो से पहुंचे लोग नही माने और आते ही उपद्रव करने लगे।
 
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