बाढ़ के बाद सुखाड़ की मार झेल रहे सिकरहना अनुमंडल में अधिकांश सरकारी नलकूप खराब पड़े हैं। ऐसे में किसानों को निजी पंपसेट से सिंचाई करना पड़ रहा है। एक तो बाढ़ से किसानों के धान के फसल को नुकसान पहुंचा है तो किसी तरह बिचड़े की व्यवस्था कर दूबारा धान की रोपनी किये है। दूसरे में निजी पंपसेट से सिंचाई करने पर भी अधिक पैसे लग रहे है। किसानों को दोहरी मार झेलना पड़ रहा है। अनुमंडल में 67 सरकारी नलकूप है, जिसमें 43 ही चालू हालत में है, जबकि 24 खराब पड़े हैं। जो चालू हालत में है उससे भी सिंचाई करने में परेशानी हो रही है। सिंचाई के लिए बनाये गये नाला कई जगहों पर ध्वस्त हो गये हैं, जिससे सिंचाई प्रभावित होता है। लघु सिंचाई विभाग ढाका के जेई मुकेश कुमार ने बताया कि ढाका प्रखंड में 26 में 13 नलकूप चालू हालत में है। वहीं घोड़ासहन, चिरैया व बनकटवा के जेई सरोज कुमार ने बताया कि इन तीनों प्रखंड में 41 नलकूप है, जिनमें 30 चालू है। शेष खराब पड़ा है। कहीं बिजली के कारण तो कहीं मशीन व बोर खराब है।

सिकरहना में 67 सरकारी नलकूपों में 24 नलकूप बंद
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