मिथिला हिन्दी न्यूज :-तरैया विधानसभा क्षेत्र से जाप प्रत्याशी संजय कुमार सिंह ने तरैया विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के नाम अपने फेसबुक वॉल पर काफी मार्मिक पोस्ट लिखा. है जिसमें उन्होंने लोगों को बताया है कि कैसे राजनीतिक दल लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं चुनाव के समय उनसे से वादे करते हैं जो वादे कभी पूरे नहीं हो सकते हैं जात पात और धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम किया जाता है बुनियादी समस्याओं पर कोई बोलना नहीं चाहता 5 वर्ष तक सत्ता में रहने वाले लोग जब चुनाव का समय आता है फिर वह क्षेत्र की समस्याओं को उठाना प्रारंभ करते हैं. उन्होंने बताया कि जनसंपर्क के क्रम में मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के सबसे पिछड़े गांवों में भी पहुंच रहा हूँ। 'पिछड़ा शब्द' अपने आप में शर्मिंदगी महसूस कराने वाला शब्द है जो बिहार के अबतक के सुशासन और विकास के दावों की पोल खोलता नज़र आता है। मैं हैरान हूं कि पार्टियों के पास, जनप्रतिनिधियों के पास जनता के लिए कुछ क्यों नहीं है। सत्ता और जनता के बीच 'लाइफस्टाइल' का बहुत बड़ा अंतर क्यों है? आज, हालात यह हैं कि दलों के टिकट बिकते हैं। सियासी दल खुलकर बताते हैं कि किस विधानसभा सीट की दावेदारी कितनी महंगी है। मौजूदा समय मे सियासत सेवा करने की नहीं सुविधाओं को भोगने का माध्यम बन गया है। मुझे कोफ़्त होता है वर्तमान राजनीति हालातों को देखकर। लेकिन, ऐसा कबतक चलेगा। कबतक दुर्भाग्य को अपनी नीयति मान कर आप जाने देंगे? कबतक अपने दरवाजे 'सौभाग्य' के लिए बंद रखेंगे? आपका दम नहीं घुटता अंधेरों में जीने से? आप नहीं चाहते कि आपकी स्याह ज़िन्दगी में उम्मीदों की रोशनी जले?अगर, आप दुर्भाग्य को पीछे छोड़कर 'सौभाग्य' का हाथ थाम आगे बढ़ने को तैयार हैं तो नींद से जागिये। लोकतंत्र में आपसे ज्यादा ताकतवर कोई नहीं है। आपकी उंगलियां कईयों की किस्मत बदल देती है फिर अपने हिस्से में अंधेरे क्यों लिख रहे हैं आप? बदलाव के लिए, विकास के लिए हमेशा आपकी खातिर विकल्प खुले हुए हैं। सभी विकल्पों को तबतक आज़माइए जबतक आपके हिस्से में सही सरकार नहीं आ जाती। खबरों के प्रोपगंडा में न फंसिए, आप पर जो बीत रही है उसके गवाह आप खुद हैं। अपनी अंतरात्मा से पूछिए कि आपको कैसी सरकार चाहिए? आपको कैसा जनप्रतिनिधि चाहिए। इस बार वोट सोच समझकर तरैया के विकास के लिए दीजिये। मेरा यकीन मानिए तरैया ही बिहार के समृद्धि को दिशा देगा।