किसान आंदोलन को तेज करने का आह्वान
विमल किशोर सिंह
मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय, सीतामढ़ी, बिहार
सीतामढ़ी/ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा जय जवान जय किसान के प्रणेता लालबहादुर शास्त्री जी की जयन्ती केअवसर पर दोनो महापुरूष के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्पाजलि अर्पित करने के बाद खादी भण्डार सीतामढी के प्रांगण में जिला सर्वोदय मंडल सीतामढी के तत्वावधान में सर्वोदय के साथियों ने खेती के कंपनीकरण तथा लोकतंत्र तथा अभिव्यक्ति की आजादी के सशक्तिकरण के सुलगते सवाल पर एक दिवशीय उपवास तथा सत्याग्रह किया।अध्यक्षता जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष डा आनन्द किशोर ने की।मौके पर अन्य सहमना संगठन के साथी तथा बुद्धिजीवियों के साथ 'बापू के विचार की प्रासंगिकता' बिषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई ।विषय प्रवेश कराते हुए डाआनन्दकिशोर ने कहा कि गांधी के सत्य,अहिंसा के विचार पूरी दुनिया के लिए आज ज्यादा प्रासंगिक है।कार्यक्रम मे वामपंथी नेता,संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा,जयकिसानआन्दोलन ,शिक्षक संघ के साथ बुद्धिजीवियों ने अपने विचार व्यक्त किये।वक्ताओंने कहा जब धर्म, जाति,भाषा,राष्ट्रीयता के नाम पर घृणा का माहौल बन गया हो, खेती का कंपनीकरण तथा अभिव्यक्ति की आजादी को नियंत्रित करने तथा लोकतंत्र को कमजोर करने का षडयंत्र हो रहा हो ऐसे वक्त मानवता के सामने गांधी विचार ही एकमात्र विकल्प है।आज गांधी को फिर हम खोजे।प्रेम और अहिंसा की गतिशीलता को समझकर छात्र तथा युवा पीढी को आगे आने की जरूरत है।संगोष्ठी, उपवास एवं सत्याग्रह मे कामरेड राजकिशोर राय,मुख्य वक्ता इंटक के जिला अध्यक्ष केदार शर्मा, अवकाशप्राप्तअभियंता शिशिर सिन्हा, गाधीवादी चिंतक रामप्रमोद मिश्र,संयुक्त किसान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जलंधर यदुबंशी, सर्वोदय मंत्री हरिनारायणसिंह,मोर्चा के उपाध्यक्ष रूपेश चौधरी,नगर अध्यक्ष लालबाबू मिश्र,शशिधर शर्मा,ताराकांत झा,नन्दकिशोर मंडल,शिक्षक संघके जिलामंत्री दिलीप कुमार शाही,आफताब अंजुम,डा रबिन्द्र कुमार सिंह, मो गयासुद्दीन,नवीन कुमार,खादी भंडार के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद,मंत्री सीताराम मंडल,चन्द्रदेव मंडल,पंकज कुमार सिह,संजीव कुमार झा,ट्रेड यूनियन लीडर दिनेश चन्द्र द्विवेदी ,अजय महतो,प्रभाकर प्रसाद,जबाहर राय,चन्देश्वर प्रसाद, ओमप्रकाश ने अपने विचार व्यक्त किये तथा गांधी विचार को बढाने का संकल्प व्यक्त किया।अंत मे वरिष्ठ वामपंथी नेता राजकिशोर राय तथा शिशिर सिन्हा ने शरबत पिला कर उपवास समाप्त कराया।