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बिहार में अभी सियासी तूफान आना बाकी, RJD समेत महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता हो सकती है रद्द, जानें सियासी गणित

संवाद 

पटना: बिहार की सियासत में आने वाले कुछ दिनों में भूचाल आ सकता है. लेकिन इस बीच बिहार की सियासत में तूफान आ गया है. दरअसल आरजेडी समेत महागठबंधन के 18 विधयाकों की सदस्यता रद्द हो सकती हैं. बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा कभी भी महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द कर सकते हैं. ऐसे में बिहार की सियासत में अभी बहुत कुछ होना बाकी है. दरअसल विधानसभा बजट सत्र के दौरान 23 मार्च को हुए हंगामे और सदन के अंदर हुए व्यवहार को लेकर विधानसभा की आचार समिति ने इन विधायकों के खिलाफ जांच शुरू की थी. माना जा रहा है कि आचार समिति की रिपोर्ट आ गई है. जिसके आधार पर इन विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है.

बिहार विधानसभा में संख्‍या बल का गण‍ित
राजद 79, भाजपा 77, जदयू 45, कांग्रेस 19, सीपीआइ (एमएल) 12, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा 4, सीपीआइ और सीपीआइ (एम) 2-2, एआइएमआइएम का एक विधायक. इनके अलावा एक नि‍र्दलीय विधायक हैं. वहीं विधानसभा की एक सीट रिक्‍त है. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. इस ल‍िहाज से बहुमत के लिए किसी भी सरकार को 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

दरअसल 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में सीटों के गणित की बात करें तो बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं. हालांकि सजा मिलने के बाद आरजेडी के विधायक अनंत सिंह की सदस्यता खत्म हो गई. जिसके बाद इस समय बिहार विधानसभा में कुल 242 सदस्य है. हालांकि फिर भी बहुमत के लिए 122 सीटें जरूरी हैं. हालांकि महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो बहुमत का आंकड़ा बदल सकता है. राजद 79, जदयू 45, कांग्रेस 19, सीपीआइ (एमएल) 12, हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा 4, सीपीआइ और सीपीआइ (एम) 2-2 और एक नि‍र्दलीय विधायक को मिलाकर संख्या बल 164 हो जाता है. ऐसे में अगर महागठबंधन के 18 विधायकों की सदस्यता भी रद्द होती है. तो आराम से तेजस्वी और नीतीश कुमार सरकार बना सकते हैं.

एनडीए में बढ़ते तनाव के बीच जेडीयू और आरजेडी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी को छोड़कर राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों ने विशेष बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य की वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा हो सकती है. जिस तरह से नीतीश कुमार ने लगातार बीजेपी से दूरी बनाई है, उससे तो ये साफ संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार बड़ा कदम उठाने का मन बना चुके हैं. अटकलें तेज है कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी से गठबंधन तोड़ सकते हैं. इस बीच मंगलवार को होने वाली जेडीयू विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएम आवास पर जेडीयू कोर टीम की मीटिंग बुलाई है. वहीं उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के आवास पर बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें बिहार के मौजूदा सियासी संकट पर बात हुई.

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