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शिक्षक नियोजन को न्यायालय में उलझना सरकार की सोची-समझी रणनीति - सुधीर कुमार सिंह

समस्तीपुर संवाद

मिथिला हिन्दी न्यूज :-बिहार में पिछले एक सालों से प्राथमिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया समाचार पत्रों के हैडलाइन तो बन रही पर धरातल पर कुछ नही हो पा रहा है। नियोजन को सरकार ने एक सोची समझी साजिश के तहत रोक लगा रखा है। एक नियोजन की प्रक्रिया पिछले एक साल से सिर्फ आवेदन लेने तक ही सिमटी हुई हैं। अपने शिड्यूल में कई बार परिवर्तन करके भी अभी फिर से बहाली पर रोक लगा रखी है। डबल इंजन की सरकार शिक्षक नियोजन के मूड में ही नही हैं इसीलिए सरकारी तंत्र के द्वारा कुछ न कुछ गलतियां करवाकर नियोजन प्रक्रिया को उलझाने का हरसंभव प्रयास कर रही हैं। अभ्यर्थियों के लगातार आंदोलन के दबाब में सरकार ने नियोजन तो आरंभ कर दी परंतु पूर्ण कराने की बिल्कुल भी उनकी मंशा नही हैं।
बीएड स्टूडेंट्स एसोसिएशन के संयोजक सुधीर कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि बिहार के लाखों युवाओं के भविष्य के साथ वर्तमान डबल इंजन की सरकार के द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरी बहाली प्रक्रिया को किसी न किसी बहाने अभ्यर्थियों को आपस मे उलझाते हुए नियोजन को विवादों में रखकर अंत तक नियोजन स्थगित करने का काम शिक्षा विभाग के द्वारा करवाया जा रहा है। शिक्षा विभाग के गलतियों के कारण अभ्यर्थी जब विभाग में सुधार हेतु विनती करते हैं। जब सुधार नहीं होता तो फिर अभ्यर्थियों को मजबूरन न्यायालय के शरण मे जाना पड़ता हैं। फिर न्यायालय द्वारा नियोजन की प्रकिया को स्थगित करके तारीख पर तारीख़ मिलती रहती हैं। जो सरकार की मंशा के अनुकूल होती हैं। उन्होंने बताया कि अभी भी सरकार पुरानी रिक्तियों पर ही नियोजन की प्रक्रिया शुरू की हुई हैं। जबकि 2019 तक ढाई लाख शिक्षक की रिक्तियों बिहार में हैं। औऱ सरकार सिर्फ 94 हज़ार पुरानी रिक्तियों पर ही अनियोजित नियोजन शुरू की हैं। आगे उन्होंने बताया कि ये चुनावी साल में सरकार तो शिक्षक नियोजन निकाला तो है पर नियोजन कबतक होगी इसका कोई अता-पता नही हैं। इस कारण कई नियोजन अभ्यर्थियों ने बेबसी में आकर आत्महत्या तक कर लिया है। पढ़े-लिखे युवा बेरोजगारी के कारण अब भुखमरी की मार झेल रहे है। इस कोरोना संकट में शिक्षित होकर अभ्यर्थी आंदोलन करना नही चाहते, लेकिन इस कोरोना संकट काल के आर में सरकार अपने नाकामियों को छिपाने का भरपूर प्रयास कर रही हैं। उन्होंने सरकार से पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि सरकार शिक्षा विभाग को आदेशित करे कि नियोजन में न्यायालय की बाधाओं को अपने स्तर से दूर करते हुए नियोजन की प्रक्रिया शिघ्रता से पूरी करवाये। जिससे कि लाखों युवाओं का भविष्य अंधकारमय होने से बच सके।।।
Published by Amit Kumar
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