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खुशखबरी : बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का आरक्षण बढ़ाया गया, नयी जातियां भी होगी शामिल होंगी

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान पहले से ही था 

संवाद 

बिहार की नीतीश सरकार ने  गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कमजोर वर्ग के आऱक्षण का दायरा बढ़ाने की घोषणा की है। कई जातियों को भी इस दायरे में शामिल कर लिया गया इसके लिए राज्य सरकार  प्रमाण पत्र जारी करेगी जिससे उन जातियों को भी आऱक्षण का लाभ मिल सकेगा इस सम्बन्ध में अधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को लोकसभा में सामान्य वर्ग के गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन विधेयक पेश किया जो कि 124वाँ संविधान संशोधन विधेयक है। हालाँकि आर्थिक रूप से कमज़ोर और गरीब सामान्य जाति के लोगों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण देने का मुद्दा तो काफी पुराना है लेकिन यह पहली बार है जब किसी आरक्षण के लिए आर्थिक आधार को जोड़ा गया था । लेकिन सरकार ने इसमें नये सिरे से वैसी जातियों का वर्गीकरण किया गया है जिन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का लाभ मिलेगा. सरकार की ओऱ से जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा  है कि बिहार में रह रहे वैसे सभी लोग जो  जनजाति, अनुसूचित जाति,पिछड़ा व अत्यंत पिछडा वर्ग के दायरे में नहीं आते उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की श्रेणी में रखा जायेगा. ऐसे हर तबके के लोगों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा। सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का उपबंध करने और राज्य के अधीन सेवाओं में आरंभिक नियुक्तियों के पदों पर उनके लिये आरक्षण का उपबंध करता है। 

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