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मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वंयसेवकों ने अपने भविष्य के निवारण के लिए जदयू के जिलाध्यक्ष के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराने की किया मांग


राजेश कुमार वर्मा 

समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । समस्तीपुर जिला समाहरणालय में कार्यरत मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वंयसेवकों ने अपने भविष्य के निवारण के लिए जदयू के जिलाध्यक्ष के माध्यम से मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग पत्र देकर किया है । बताया जाता है कि बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वंयसेवक संघ समस्तीपुर के राजेश कुमार , विजय गौड़ ने समस्तीपुर जिला के जदयू अध्यक्ष को एक पत्र देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ध्यान आकृष्ट कराने की मांग किया है । मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वंयसेवक द्वय के हस्ताक्षरित पत्र के हवाले से बताया जाता है की विगत वर्ष २०१२/ २०१३ में मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वंयसेवक का चयन प्रतियोगिता परीक्षा लेकर किया गया है । हमलोगों का चयन मुख्य रूप से शिक्षकों को ( गैर शैक्षणिक कार्य ) से अलग रखने के लिए किया गया साथ ही अंक के आधार पर कुछ चुनिंदा एंव महत्वपूर्ण कार्यों में कार्य भी आवंटित किया गया व इसका पारिश्रमिक भुगतान बैंक के माध्यम से किया गया । आगे आवंटित किऐ गए कार्यों की विवरणी देते हुऐ कहा है की आर्थिक गणना , फसल कटनी , जन्म- मृत्यु निबंधन , रोजगार - बेरोजगार सर्वे का कार्य भी किया गया है। उनलोगों ने यह भी कहा है कि अचानक हमलोगों को काम बंद करवा दिया गया बताया जाता है कि बिहार सरकार द्वारा पैनल को रद्द कर दिया गया है। पैनल रद्द होने के उपरांत सांख्यिकी स्वंयसेवकों द्वारा लोकतांत्रिक तरीका अपनाया गया । सत्ता के विरोध में धरना प्रदर्शन इत्यादि । उनलोगों ने आगे कहा है कि इतना ही नहीं आखिरकार हमलोगों ( एएसभी ) द्वारा सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों के समक्ष अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ के लिए आवेदन पत्र लिखकर भी गुहार लगाया गया लेकिन कोड़े आश्वासन के सिवाय कुछ हासिल नहीं हुआ । उनलोगों ने आगे कहा है कि हमलोगों के द्वारा अपनाऐ गये सारे हथकंडों को विफल होते देख हमलोगों ने न्यायालय का शरण लिया । न्यायालय में आवेदन पत्र १०/१२ हजार आवेदकों ने दिया । उसके बाद न्यायालय के एक बेंच से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने के बाद डबल बेंच में भी गए लेकिन वहां भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला और पूर्णरूपेण बिहार सरकार पर आश्रित कर दिया गया । उनलोगों ने जिलाध्यक्ष से निवेदन किया है कि हमलोगों द्वारा उचित या अनुचित कदम उठाया गया उसे नजरअंदाज करते हुए अपनी संतान की तरह हमारे भविष्य को सुरक्षित रखते हुए पुन: रोजगार से जोड़ने की कृपादृष्टि कराने की ओर ध्यान देना होगा क्योंकि सरकार और भगवान दोनों ही अपने जनों का उद्धार करते हैं । 
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