संवाद
पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी की ओर से शिक्षा मंत्री का इस्तीफा मांगा जा रहा है. यहां तक कि भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. वहीं बढते विवाद को देखते हुए आरजेडी ने किनारा करते हुए उनके बयान को निजी बताया है. इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने भी कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है.
शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के बयान पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भावनाओं को भड़काने का आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है. विजय सिन्हा ने पूरे बयान को दुर्भावना से ग्रसित और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी से भी पूछा है कि क्या वो भी अपने मंत्री के बयान से सहमत हैं? यदि नहीं तो इसके लिए उन्हें बर्खास्त करें.
वहीं शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के इस बयान से उनकी अपनी पार्टी आरजेडी ने किनारा कर लिया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंद्रशेखर जी का यह निजी बयान है. हम सभी धर्म और जाति का सम्मान करते है. इसके साथ ही उन्हौने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी वाले रामचरितमानस पर अपना कॉपी राइट समझतें है, लेकिन जनता सब कुछ समझ रही है. शिक्षा मंत्री के बयान को सदर्भ से अलग तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा खुला विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह के दौरान रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा था कि ‘रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. इसमें मनुस्मृति, गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक माधव सदाशिव गोलवलकर लिखित बंच आफ थाट्स ने 85 प्रतिशत लोगों को सदियों तक पीछे रखने का काम किया है. उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ है. लेकिन शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ‘रामचरित मानस’ को लेकर दिए गए अपने बयान पर अड़े हुए हैं. उन्होंने फिर कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है. जब मैंने कुछ गलत नहीं कहा तो मैं पीछे क्यों हटूं? चंद्रशेखर यादव ने कहा कि मैंने जो बोला वो सही है.