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हत्या के मामले में 22 वर्ष बाद आया फैसला, दो दोषी करार

संवाद 
दरभंगा। सिविल कोर्ट, दरभंगा के सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी ने मंगलवार को विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के बेलाशंकर निवासी 25 वर्षीय रामबालक पासवन की हत्याकर शव छुपाने के आरोपी कादिराबाद निवासी मुन्ना साह और बेलाशंकर के दिलीप मंडल को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषियों के बंधपत्र खंडित कर मंडलकारा, दरभंगा भेज दिया। अभियुक्तों के सजा अवधि निर्धारण पर सुनवाई के लिए 20 फरवरी की तिथि निर्धारित किया गया है। बेलाशंकर निवासी मृतक के पिता लक्ष्मी पासवन ने विश्वविद्यालय थानाकांड 15/2000 में दोनों अभियुक्त के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि उसके पुत्र को 29 जनवरी 2000 को मुन्ना और दिलीप घर से बुलाकर ले गया था, जो घर नहीं लौटा। 17 दिन बाद नरगौना पैलेस के रसायन शास्त्र विभाग के आगे दक्षिण नाला में से रामबालक का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया। संज्ञान पश्चात सत्रवाद सं.200/2000 के तहत विचारण किया गया। जिसमें मंगलवार को कोर्ट ने दफा 302 एवं 201 भादवि में दोनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया है।

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