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धान-बालू और शराब... बिहार की स्थिति बेहद खराब, सुशील-संजय ने मांगा नीतीश से जवाब

संवाद 

 बिहार में महागठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार पर आरोपों की बौछार लगातार हो रही है। बिहार की महागठबंधन सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अब मुख्यमंत्री को अब शराब के साथ बालू के अवैध खनन और धान की अधिप्राप्ति पर घेरा है। 

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार के महागठबंधन सरकार को किसान विरोधी करार दिया है। उनका कहना है कि नीतीश सरकार ने अधिकांश धान की कुटाई उसना चावल मिलों से कराने का निर्देश दिया है। सरकार के इस तुगलकी फरमान के चलते धान खरीद, कुटाई और किसानों को धान के मूल्य का भुगतान करने की पूरी प्रक्रिया चरमरा गई है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का कहना है कि नीतीश कुमार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि बालू व्यापार का अधिकार अधिकारियों और विभाग को छोड़कर निगम के हाथों में क्यों दिया गया है।

धान की खरीद और चावल उत्पादन लक्ष्य से पीछे- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में धान खरीद के लिए केवल सात दिन का समय बचा है। जबकि खरीद 45 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबवे केवल 32 लाख मीट्रिक टन (MT) हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में उसना चावल की खपत ज्यादा है। लेकिन उसना चावल बनाने वाली मिलें मात्र 156 हैं। जबकि अरवा चावल की मिलें 2500 हैं। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि 32 लाख मेट्रिक टन धान से 30 लाख मेट्रिक टन चावल तैयार होना था। लेकिन केवल 6 लाख मेट्रिक टन ही चावल तैयार हुआ।

उन्होंने कहा कि एक चावल मिल से 25-30 पैक्सों को सम्बद्ध करने से एक पैक्स से धान लेने की बारी महीने भर बाद आ रही है। लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पैक्स गोदाम भरे पड़े हैं। उनके आगे ट्रकों की लाइन लगी है। सुशील मोदी ने कहा कि अन्नदाता परेशान हैं। उनके धान खरीदने में समस्याएं आ रही हैं।लेकिन मुख्यमंत्री समाधान यात्रा में इस मुद्दे का संज्ञान तक नहीं ले पाये।

बालू और शराब माफियाओं को मिल रहा अधिकारियों का संरक्षण- संजय जायसवाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बालू और अवैध शराब के माफियाओं को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि आज बालू माफियाओं के घरों में छापा पड़ रहा है। जब हमलोग एनडीए में साथ में थे तब भी हमलोग आवाज उठाते थे कि शराब माफिया और बालू माफियाओं को अधिकारी का एक वर्ग प्रश्रय दे रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सही तरीके से अगर बालू माफियाओं की जांच होगी तो 10 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आएगा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि स्थिति यह है कि खनन विभाग के बालू का व्यापार पूरी तरह निगम के हाथ दे दिया गया है। अब निगम के अधिकारियों द्वारा ही माफियागिरी को कंट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार की नीति के कारण बालू और शराब माफिया सक्रिय हैं। हर मुहल्ले तक शराबबंदी वाले बिहार में शराब पहुंच रहा और हजारों लाखों टन बालू का अवैध व्यापार हो रहा है। जबकि पिछली सरकार में खनन विभाग का दायित्व बीजेपी के पास था। तब के मंत्री भी कहते थे कि कोई भी फाइल यहां नहीं आती। कहा जाता है यह सीधे मुख्यमंत्री के कंट्रोल मे है। डॉ संजय जायसवाल ने इसके लिए मुख्यमंत्री को दोषी बताते हुए कहा कि आखिर बालू का व्यापार की जिम्मेवारी मंत्री और विभाग को छोड़कर निगम क्यों दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका जवाब देना चाहिए।

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