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बिहार में तेजी से पांव पसार रहा `आई फ्लू`, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हो रहे शिकार

संवाद

आई फ्लू या पिंक आई के नाम से जानी जाने वाली यह बीमारी कंजंक्टिवाइटिस है। आई फ्लू वैसे तो ज्यादा खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन आंखों में होने के कारण ये कष्टदायक होती है। यह आम वायरल की तरह है, लेकिन यह बैक्टिरियल भी होता है। जब भी मौसम बदलता है, यह अपना असर दिखाता है। यह ज्यादातर धूल भरे मौसम में या नर्म और गर्म मौसम में फैलता है। वायरस, बैक्टीरिया फंगस के संक्रमण की वजह से आई फ्लू होता है।कंजंक्टिवाइटिस में आंखों में जलन होती है। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। लेकिन कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है। इस संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी इसकी चपेट में जाती है।

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