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'मुंडन कराना है तो सैलून जाओगे कि तिरुपति बालाजी?' मंदिर वाले बयान पर BJP का तेजस्वी पर पलटवार


संवाद 


अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर विपक्ष बार-बार इल्जाम लगा रहा है कि इसके तहत सियासत हो रही है. बीजेपी के पास राम मंदिर के अलावा मुद्दा नहीं है. बिहार में आरजेडी के कई नेताओं की तरफ से इस पर विवादित वर्णन आ चुका है. बिहार के उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने खुद लोगों को संबोधित करते हुए यह वर्णन दिया है कि तबीयत खराब होगा तो अस्पताल जाएंगे या मंदिर? उनके इस बयान पर अब बीजेपी ने पलटवार करते हुए जवाब दिया है.बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने मंगलवार (09 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "तेजस्वी ने पूछा, उपचार कराना है तो मंदिर जाओगे कि अस्पताल! भाई! ये बताओ, सपरिवार मुंडन करना है तो सैलून जाओगे कि तिरुपति के बालाजी मंदिर! भगवान श्रीराम- श्रीकृष्ण का मंदिर अयोध्या-मथुरा में नहीं तो यरुशलम में होगा? 

धार्मिक तुष्टिकरण व मुस्लिम परस्ती के लिए किस हद तक गिरोगे?

"तेजस्वी यादव 3 जनवरी को मधुबनी पहुंचे थे. मधुबनी के झंझारपुर में पूर्व सांसद प्रो. रामदेव भंडारी की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए वो पहुंचे थे. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए बोला था, "मन में और दिल में श्रद्धा होनी चाहिए. नीयत साफ होनी चाहिए. गलत कार्य करते रहेंगे, पाप करते रहेंगे और राम-राम जपते रहेंगे तो राम आप पर कृपा नहीं करेंगे. अच्छा कार्य करिएगा तो भगवान का आशीर्वाद आपके साथ रहेगा. पैर कट जाएगा तो मंदिर जाकर पंडित को दिखाइएगा कि अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?"बता दें कि निखिल आनंद से पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने भी अस्पताल और मंदिर के महत्व को समझाते हुए तेजस्वी के वर्णन पर जवाब दे चुके हैं. नित्यानंद राय ने बोला है कि जो लोग कहते हैं कि जब कोई बीमार पड़ेगा तो मंदिर जाएगा कि अस्पताल जाएगा. उनको पता नहीं है कि अस्पताल की आवश्यकता होगी तो अस्पताल में जाएगा और आवश्यकता होगी तो मंदिर में जाएगा. मंदिर और अस्पताल दोनों महत्वपूर्ण है.

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