नॉर्थ अमेरिका के कई इलाकों, कनाडा में भी मंदिरों में 22 जनवरी को धार्मिक आयोजन होंगे, विशेष पूजा-अर्चना होगी। कैलिफोर्निया, वाशिंगटन और शिकागो सहित USA के कई शहरों में कार रैलियाँ होंगी। भारतीय समय के अनुसार 12:30 बजे कार्यक्रम होना है। उस दौरान जहाँ पेरिस में सुबह होगी, वहीं अमेरिका में रात होगी।
चूँकि 500 वर्षों के संघर्ष के बाद रामलला अपने मंदिर में विराजने जा रहे हैं, इसीलिए श्रद्धालुओं ने तैयारियाँ भी ख़ास कर के रखी हैं।
पेरिस में रहने वाले अविनाश मिश्रा ने बताया कि इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनते हुए यूरोप के लोग पेरिस में ‘राम रथ यात्रा’ में भाग लेंगे और एफिल टॉवर के पास प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखेंगे। उन्होंने इस यात्रा का नक्शा शेयर करते हुए श्रद्धालुओं से इसका हिस्सा बनने की अपील की। ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट ने भी इस कार्यक्रम से जुड़ी सूचना को रीट्वीट किया है। अविनाश ने कहा कि इस प्राण-प्रतिष्ठा आयोजन का लाइव प्रसारण देखना श्रद्धालुओं के लिए सौभाग्य की बात है।
नॉर्थ अमेरिका और कनाडा में ‘द मांडू मंदिर एम्पावरमेंट काउंसिल’ ने कई देवस्थानों में कार्यक्रम की योजना बनाई है। वाशिंगटन और शिकागो के बाद अब कैलिफोर्निया में कार रैली होनी है। श्रद्धालुओं ने कहा कि भले ही वो सदेह अयोध्या में उपस्थित रहने में अक्षम हैं, लेकिन भगवान राम उनके हृदय में रहते हैं और वो उनकी वापसी से हर्षित हैं।न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स ने कहा कि ये हिन्दुओं की जनसंख्या को देखते हुए ये एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है, ये आध्यात्मिकता के पथ पर बढ़ने और त्योहार मनाने का एक अच्छा अवसर है।
इतना ही नहीं, 160 अलग-अलग देशों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है। VHP (विश्व हिन्दू परिषद) ने इसकी रूपरेखा तैयार की है। 50 देशों में बड़े आयोजन होने हैं। अमेरिका में 300, मॉरीशस में 100, UK में 25, ऑस्ट्रेलिया में 30 और कनाडा में 30 लोकेशनों से अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होगा। आयरलैंड, फिजी, इंडोनेशिया और जर्मनी में भी बड़े-बड़े कार्यक्रम होंगे, जहाँ लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।
अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और फिजी समेत 50 देशों के प्रतिनिधियों को अयोध्या इस समारोह में उपस्थित रहने के लिए बुलाया गया है। इंडोनेशिया और सऊदी अरब जैसी इस्लामिक मुल्कों में भी लाइव स्ट्रीमिंग की योजना है। हवन पूजा और हनुमान चालीसा पाठ जैसे कार्यक्रम 160 देशों में होने हैं।
खुशी की बात ये भी है कि अब देश का सबसे बड़ा राज्य, उत्तर प्रदेश भी इस कार्यक्रम के जरिए विश्व पटल पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। दुनिया भर में हिन्दू पुनरुत्थान की एक इस नई गाथा के लोग साक्षी बनेंगे।