बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के नेता जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने प्रदेश की शिक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा वर्णन दिया है. शुक्रवार (05 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने वैसे लोगों पर प्रश्न उठाए हैं जो शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) का विरोध कर रहे हैं. ताना कसते हुए उन्होंने वैसे लोगों को सुनाया है. बोला कि जो केके पाठक का विरोध कर रहे हैं वो गरीब, दलित और अल्पसंख्यक विरोधी हैं.जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "केके पाठक का विरोध करने वाले गरीब, दलित, अल्पसंख्यक विरोधी है क्योंकि सरकारी विद्यालयों में अधिकांश इन्हीं तबके के छात्र/छात्रा, खास कर भुंईयां/मुसहर तबके के विद्यार्थी ही पढने आतें हैं. अब दलित, गरीब, अल्पसंख्यक विरोधी थोड़े ना चाहेंगे कि ये तबका पढ़े."इसके पहले बीते गुरुवार को भी मांझी ने सोशल मीडिया पर शिक्षा व्यवस्था को लेकर ही एक पोस्ट लिखा था.
उसमें उन्होंने केके पाठक से ही बड़ी मांग कर दी थी.
लिखा था, "वैसे तो केके पाठक साहब शिक्षा के दिशा में अद्वितीय कार्य कर रहें हैं. पर यदि वह एक कार्य और कर दें तो शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक सुधार हो जाएगा. मुख्य सचिव का बच्चा हो या चपरासी का, विधायक का बच्चा हो या मंत्री का, सरकार से वेतन उठाने वालों के बच्चे सरकारी स्कूल में ही पढ़ेंगे."बता दें कि केके पाठक ने जब से कमान संभाली है तब से शिक्षा विभाग जिक्र में है. शिक्षकों की बहाली भी रिकॉर्ड तोड़ हुई है. इतना ही नहीं बल्कि स्कूलों में कामकाज और समय को लेकर भी काफी ज्यादा सुधार करने की कोशिश की गई है. गलतियों और लापरवाही पर निरंतर एक्शन भी लिए जा रहे हैं. यही कारण है कि केके पाठक का कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं जिसके बाद अब जीतन राम मांझी ने आक्रमण बोला है.