जांच टीम के द्वारा जिला दफ्तर से संपर्क किया गया.
इसके बाद इन अभ्यर्थियों के वांछित योग्यता से संबंधित सर्टिफिकेट की जांच कराई गई थी. जांच में योग्यता में काफी ज्यादा गडबड़ी मिली फिर इन सभी अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. बताया यह जा रहा है कि नियुक्ति रद्द अभ्यर्थियों में किसी ने एसटीईटी, टीईटी क्वालिफाई नहीं किया था तो किसी ने स्नातक में संबंधित विषय में ऑनर्स नहीं किया. सबसे आश्चर्य तो बीएड बिना उत्तीर्ण किए बीपीएससी ने अभ्यर्थी का परिणाम जारी कर दिया. नौकरी करने की मंशा से विभाग के आंख में धूल झोंका जा रहा था. अब प्रश्न उठता है कि इन अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड कैसे जारी कर दिया जो वांछित योग्यता ही नहीं रखते हैं.इस मामले को लेकर डीईओ जियाउल होदा खां ने बताया है कि विद्यालय अध्यापक अभ्यर्थियों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक और अन्य सर्टिफिकेट की बारीकी से जांच की गई तो जांच में गड़बड़ी पाए जाने वाले विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. जिले के चयनित 2220 में से 2063 विद्यालय अध्यापकों को नियुक्ति और पदस्थापना खत दिया गया था.