अपराध के खबरें

केके पाठक के फरमान पर बिहार की राजनीति गरमाई, कार्रवाई की मांग पर सत्ता और विपक्ष के मिले सुर


संवाद 


केके पाठक के निर्देश पर होली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार में नए शिक्षकों की ट्रेनिंग की गई, उनको छुट्टी नहीं दी गई. अब इस पर बिहार में सियासत तेज हो गई है, जहां विपक्ष इसका पूरा आरोप बीजेपी को दे रहा है तो सत्ता पक्ष के जेडीयू और बीजेपी भी केके पाठक पर आक्रमण बोल रही है और मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने की बात बोल रही है. जेडीयू के प्रवक्ता सह एमएलसी नीरज कुमार ने केके पाठक के फरमान पर बोला कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति बिहार में प्रभावी नहीं, बिहार में शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्रभावी है. विद्यालय के वक्त सारणी, सदन में की गई घोषणा उसका अनुपालन केके पाठक नहीं कर रहे हैं. यह चिंता का विषय है. साथ ही होली और रमजान जैसे महत्वपूर्ण पर्व में आप ट्रेनिंग का कार्यक्रम रख रहे हैं प्रशिक्षण आवश्यक है, लेकिन होली और रमजान को भी ध्यान में रखना चाहिए. शिक्षकों की बहाली में मुख्यमंत्री जी ने महिलाओं को 50 % आरक्षण दिया है. कितनी बड़ी परेशानी उनको विद्यालय जाने में हुई? नीरज कुमार ने मांग की कि होली के दौरान शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के मौजूदगी की गारंटी तो कराया, लेकिन कितने छात्र छात्रा की मौजूदगी हुई? इसकी सूची भी सार्वजनिक होनी चाहिए.बीजेपी ने भी केके पाठक के फरमान पर आक्रमण बोला. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय आलोक ने बोला कि बिहार सरकार व मुख्यमंत्री को अपने स्तर से ऐसे उदंड अधिकारी जो केके पाठक जी कार्य कर रहे हैं. त्योहारों को अनदेखा करके आज इस तरह से हरकतें की जा रही हैं लगता है कि सरकार से ऊपर अधिकारी हो गए हैं. माननीय मुख्यमंत्री अपने स्तर से देखें कि ऐसे अधिकारी को क्या करना चाहिए.इधर केके पाठक के फरमान पर विपक्षी खेमे के आरजेडी ने बीजेपी और मुख्यमंत्री नीतीश सरकार को आरोपी ठहराया है. आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बोला कि होली की छुट्टी में जिस तरह से टीचरों को ट्रेनिंग को नाम पर लगाया गया. 

मैं समझता हूं कि पूरी तरह से शिक्षकों के साथ अन्याय है. 

होली जैसा त्योहार जिसमे हर लोग अपने घर में अपने परिवार के साथ सौहार्द वातावरण में इसको मानते हैं. यह अनूठा त्यौहार है रंगों का त्यौहार है और इसमें इस तरह का तुगलकी फरमान कहीं से भी जायज नहीं है. उन्होंने बोला कि प्रशासन में बैठे लोग यह दुहाई देते थे. यह भगवा पार्टी सत्ता की लालच में सब कुछ तिलांजलि दे देते हैं. कथनी और करनी में काफी अंतर है. बीजेपी सत्ता की लालच में सभी सिद्धांतों को ताक पर रख देती है, सिर्फ सत्ता चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर शक्ति यादव ने बोला कि केके पाठक को लेकर सदन में माननीय मुख्यमंत्री जी को बोलने के बाद भी कोई प्रभाव नहीं हुआ. देश भर के जितने भी विपक्ष में मुख्यमंत्री हैं उनको जेल में डालने की तैयारी है और जो लोग जेल में नहीं जा रहे हैं आसानी से हाईजैक हो रहे हैं उनको हाईजैक कर लिया जाता है जैसे बिहार के मुख्यमंत्री जी को हाईजैक कर लिया गया. मुख्यमंत्री जी का कोई प्रभाव है, मुख्यमंत्री जी का कुछ चल रहा है क्या? इंडोर पॉलिटिशियन मुख्यमंत्री जी को कब्जे में ले लिया है. अब तो मुख्यमंत्री जी का हाल चिंता जनक है. हम लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ममता का और आदर का भाव रखते हैं, वे जिस हालत में हैं निश्चित तौर पर राजकाज के लिए ठीक नहीं है. ये वही लोग हैं जो बीजेपी के इशारे पर सत्ता का संचालन कर रहे हैं. बीजेपी ही आरोपी है.केके पाठक शिक्षकों पर अगर अन्याय कर रहे हैं मानवता के खिलाफ काम कर रहे हैं तो उसके लिए जिम्मेवार कौन है? इसमें पूरी प्रकार बीजेपी जिम्मेवार है.


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live