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लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण को कितना बांध सकी नीतीश कुमार की पार्टी? जानिए


संवाद 


लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को देखते हुए रविवार (24 मार्च, 2024) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी 16 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया. कुछ सीटों पर नए उम्मीदवार हैं तो वहीं कई स्थानों से पुराने चेहरों को ही दोहराया गया है. समझिए कि नीतीश कुमार की पार्टी ने कैसे इस बार के लोकसभा चुनाव में जातीय समीकरण को बांधने का प्रयत्न किया है.इस बार के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने पिछड़ा और अति पिछड़ा से 11 उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इसमें 6 पिछड़ा और 5 अति पिछड़ा वर्ग से हैं. एक महादलित से हैं आलोक कुमार सुमन जिन्हें गोपालगंज से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. 

एक प्रत्याशी हैं मुजाहिद आलम जिन्हें किशनगंज से प्रत्याशी बनाया गया है. 

ये मुस्लिम समुदाय से आते हैं. वहीं 3 सवर्ण जाति को टिकट दिया है. 16 प्रत्याशियों में से 2 महिलाओं को टिकट दिया गया है. मुंगेर, सीतामढ़ी और शिवहर से सवर्ण जाति के प्रत्याशी हैं.सवर्ण सीटों की बात करें तो मुंगेर से ललन सिंह, सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर और शिवहर से लवली आनंद को मौका दिया गया है. इस अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित राज्यसभा सांसद संजय झा ने बोला कि लिस्ट में जेडीयू के 12 सीटिंग सांसद हैं. कुछ जगह नई सीट जो हमें मिली वहां नए प्रत्याशी हैं. एक जगह हम लोगों ने बदला है.पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बोला कि अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए पार्टी के साथी तो कार्य करेंगे ही, लेकिन गठबंधन में सम्मिलित दूसरी पार्टी के जो प्रत्याशी होंगे उनको भी जिताने के लिए हमारे साथी, समर्थक और कार्यकर्ता सहायता करेंगे. ये सभी लोग जी जान से लगे हैं. पूरी आशा और विश्वास के साथ आज हम लोग सूची जारी कर रहे हैं. ये सभी उम्मीदवार निश्चित रूप से जीतेंगे.

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