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वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति समेत कई लोगों की बढ़ सकती हैं परेशानियां, FIR के लिए आवेदन


संवाद 


वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की परेशानी बढ़ गई है. शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर दीपक कुमार सिंह के आदेश पर भोजपुर डीईओ अहसन की तरफ से आरा के नवादा थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया गया है. आवेदन में वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव प्रो. रणविजय कुमार और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अनवर इमाम को नामजद किया गया है.मालूम हो कि शिक्षा विभाग की तरफ से बीते 28 फरवरी को बुलाई गई बैठक में सम्मिलित नहीं होने पर कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक पर यह कार्रवाई हुई है. इससे यूनिवर्सिटी प्रशासन की परेशानियां बढ़ गई हैं. शिक्षा विभाग ने अकादमिक सत्र के पीछे चलने को देखते हुए वीर कुंवर सिंह विवि कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक के विरुद्ध केस दर्ज करने का निर्देश डीईओ को शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारियों से मिला है.
भोजपुर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) की तरफ से थाने में दिये गये आवेदन में बोला गया है कि वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी की लंबित परीक्षाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए 28 फरवरी को बैठक रखी गई थी. 

विभाग ने परीक्षाओं को समयबद्ध करने का फैसला बहुत पहले ही ले लिया था. 

 साथ ही इस एकेडमिक सत्र में कौन सी परीक्षा कब लेनी है, इस संबंध में गजट अधिसूचना भी कर दी गई थी. पूर्व में समीक्षा के क्रम में सत्र अनियमित पाया गया था. इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी अधिनियम की धारा 30 के तहत परीक्षाओं के संचालन के लिए विधिवत अधिसूचना जारी की गई.जानकारी के मुताबिक निरंतर समीक्षा के बावजूद सूचना का पालन नहीं किया गया. यह भी सामने आया कि पुराने सत्र तो पीछे चल ही रहे हैं, कई और एकेडमिक सत्र भी पीछे हैं. विभाग ने इसे बिहार कंडक्ट ऑफ एग्जामिनेशन एक्ट 1981 की कंडिका 9 का उल्लंघन माना और कंडिका 11 के तहत कार्रवाई करने को बोला है. पत्र में विभागीय लोक सेवकों के कार्य को अवरोध करने का इल्जाम भी लगाया गया है. आवेदन में यह भी कहा गया है कि 28 फरवरी की बैठक में विशेष कर लंबित परीक्षाओं के संबंध में रिपोर्ट नहीं देने, लंबित परीक्षाओं से संबंधित आवश्यक सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई. आवेदन में कहा गया है कि जान-बूझकर लंबित परीक्षाओं से संबंधित जानकारी देने से बचने और मना करने और आवश्यक सूचना उपलब्ध नहीं कराकर विभागीय लोक सेवकों के कार्य को अवरोध किया गया. विभाग के लोक सेवकों को ससमय परीक्षा संचालन कराने को लेकर संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया था. दो दिनों के भीतर ही स्पष्टीकरण का जवाब दिया जाना था लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ऐसे में माना गया कि यूनिवर्सिटी के संबंधित पदाधिकारियों को इस संबंध में कुछ नहीं बोलना है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नवादा थाने में आवेदन देकर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आग्रह किया है. इस संबंध में कुलसचिव से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.डीईओ के आवेदन के आधार पर कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक पर एफआईआर दर्ज होना तय माना जा रहा. वहीं इस पूरे मामले पर वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रो रणविजय कुमार ने बोला कि गत 28 फरवरी को शिक्षा विभाग ने इन अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. लेकिन, राजभवन की तरफ से अधिकारियों को बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी गयी. इसके बाद यूनिवर्सिटी के ये अधिकारी बैठक मे सम्मिलित नहीं हुए. वहीं, इस मामले पर नवादा थाना अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा विभाग से एफआईआर के लिए आवेदन आया है. एफआईआर दर्ज करने से पहले सीनियर पदाधिकारियों का मंतव्य मांगा गया है. फिलहाल मंगलवार की शाम तक थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है.

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