बिहार में शुक्रवार (19 अप्रैल) को पहले चरण की 4 सीटों पर चुनाव होना है. प्रदेश में आरोप प्रत्यारोप का भी दौर जारी है. इस बीच, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने गुरुवार (18 अप्रैल) को आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर खूब जोरदार निशाना साधा. उन्होंने साफ लहजे में बोला कि तेजस्वी यादव जैसे नेता अगर देश को नई दिशा देने लगेंगे तो देश का वही हाल होगा जैसे लालू-राबड़ी ने बिहार का किया था.चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बोला कि इससे देश का कोई भला होने वाला नहीं है. इसके बावजूद उन्होंने तेजस्वी यादव को बधाईयाँ दी. उन्होंने साफ लहजे में बोला, "तेजस्वी के पिताजी लालू प्रसाद और माता जी राबड़ी देवी बिहार में मुख्यमंत्री रहे और तेजस्वी खुद उपमुख्यमंत्री रहे, बिहार को तो इन्होंने दिशाहीन कर दिया."पीके ने आगे अपने बयान में बोला कि बिहार की जनता ने अगर तेजस्वी यादव को जिम्मेदारी दी है तो बिहार में कुछ विभागों की दशा ठीक कर दें.
बिहार में अस्पतालों की दशा सुधार दें,
बिहार में सड़कों की दशा सुधार दें, बिहार में ग्रामीण कार्य मंत्रालय में आने वाले नालियों-गलियों की दशा सुधार दें. प्रशांत किशोर ने बोला कि उन्हें अपनी बात करनी चाहिए. ऐसी बात करने वालों को बड़बोलापन बोला जाता है. बिहार में लोगों को इस चीज की बहुत आदत है.प्रशांत किशोर ने यहां तक बोला कि तेजस्वी यादव को न भाषा का ज्ञान है न विषय का, लेकिन तीखी टिप्पणी करनी होगी तो बैठ कर इजराइल और फिलिस्तीन पर करेंगे. बिहार में गरीब बच्चों के शरीर पर कपड़ा नहीं है, खाने के लिए खाना नहीं है, रोजगार नहीं है लेकिन तीखा टिप्पणी ये कर रहे हैं कि गाजा में क्या हो रहा है. उन्होंने साफ लहजे में बोला कि बेवकूफ़ी को यहां पर नेताओं ने जमीनी हकीकत मान लिया है. ऊलजलूल बात करने वालों को समाज के लोग जमीनी नेता मानते हैं, जिसको न भाषा का ज्ञान है, न विषय का.