राजेश कुमार वर्मा
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने गांधी शांति प्रतिष्ठान , नई दिल्ली के अध्यक्ष , सहयोग करता सूरज नारायण सेवा समिति के अध्यक्ष उमा शंकर सिंह ने प्रख्यात गांधीवादी श्री कुमार प्रशांत पर किए गए मुकदमों की कङी निंदा की है ।आजाद ने कहा कि देश में ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि नागरिकों के बीच विचार - विमर्श बंद- सा हो गया है । संख्या और भीङ के बल पर दूसरों को चुप कराना और सरकारी तंत्र की मदद से अपनी , और सिर्फ अपनी बात का शोर मचाना क्या लोकतंत्र का गला घोंटने के समान नही है ? लोकतंत्र का मतलब केवल वोट लेना - देना, चुनाव हारना - जीतना ही नही है । लोकतंत्र का मतलब असहमतियों के बीच स्वस्थ संवाद भी है लेकिन असहमतियों के प्रति शासक दल और उससे जुङे संठनों में गहरी असहिष्णुता है ।
आजाद ने कहा कि दिनांक 16 - 18 अगस्त , 2019 को भुनेश्वर स्थित जयदेव भवन के प्रांगण में उडिशा सरकार ने " गांधी कथा " का आयोजन की थी । इस आयोजन में बतौर बक्ता प्रख्यात गांधीवादी श्री प्रशांत आमंत्रित थे । श्री प्रशांत आजादी की लङाई में ऐतिहासिक तथ्य के आधार पर विनायक सावरकर की नकारात्मक भूमिका का उल्लेख किया था । इसी आधार पर श्री प्रशांत के ऊपर आदर्श टाउन थाना , फुलवाणी और लालबाग थाना , कंधमाल में मुकदमा किया गया है । आजाद ने कहा कि मुकदमों के बल पर असहमतियों को दबाया नही जा सकता है । यह भी ऐतिहासिक तथ्य है ।
आजाद ने प्रख्यात गांधीवादी श्री प्रशांत पर किए गए मुकदमों को सरकार से वापस लेने की मांग की । उपरोक्त जानकारी उमाशंकर सिंह व कौशल गणेश आजाद , राष्ट्रीय संयोजक लोक समिति द्वारा प्रेस को दिया गया है ।
समस्तीपुर ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने गांधी शांति प्रतिष्ठान , नई दिल्ली के अध्यक्ष , सहयोग करता सूरज नारायण सेवा समिति के अध्यक्ष उमा शंकर सिंह ने प्रख्यात गांधीवादी श्री कुमार प्रशांत पर किए गए मुकदमों की कङी निंदा की है ।आजाद ने कहा कि देश में ऐसा वातावरण बनाया जा रहा है कि नागरिकों के बीच विचार - विमर्श बंद- सा हो गया है । संख्या और भीङ के बल पर दूसरों को चुप कराना और सरकारी तंत्र की मदद से अपनी , और सिर्फ अपनी बात का शोर मचाना क्या लोकतंत्र का गला घोंटने के समान नही है ? लोकतंत्र का मतलब केवल वोट लेना - देना, चुनाव हारना - जीतना ही नही है । लोकतंत्र का मतलब असहमतियों के बीच स्वस्थ संवाद भी है लेकिन असहमतियों के प्रति शासक दल और उससे जुङे संठनों में गहरी असहिष्णुता है ।
आजाद ने कहा कि दिनांक 16 - 18 अगस्त , 2019 को भुनेश्वर स्थित जयदेव भवन के प्रांगण में उडिशा सरकार ने " गांधी कथा " का आयोजन की थी । इस आयोजन में बतौर बक्ता प्रख्यात गांधीवादी श्री प्रशांत आमंत्रित थे । श्री प्रशांत आजादी की लङाई में ऐतिहासिक तथ्य के आधार पर विनायक सावरकर की नकारात्मक भूमिका का उल्लेख किया था । इसी आधार पर श्री प्रशांत के ऊपर आदर्श टाउन थाना , फुलवाणी और लालबाग थाना , कंधमाल में मुकदमा किया गया है । आजाद ने कहा कि मुकदमों के बल पर असहमतियों को दबाया नही जा सकता है । यह भी ऐतिहासिक तथ्य है ।
आजाद ने प्रख्यात गांधीवादी श्री प्रशांत पर किए गए मुकदमों को सरकार से वापस लेने की मांग की । उपरोक्त जानकारी उमाशंकर सिंह व कौशल गणेश आजाद , राष्ट्रीय संयोजक लोक समिति द्वारा प्रेस को दिया गया है ।