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दुनिया की सरकारें एक हों : जावैद अब्दुल्लाह



राजेश कुमार वर्मा संग ज़ाहिद अनवर (राजु)

दरभंगा,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज ) । विश्व लोकतंत्र और वर्ल्ड पीस के लिए निरंतर कार्यरत संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी के तत्वाधान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘इंटरनेशनल डे फॉर द टोटल इलिमिनेशन ऑफ़ न्यूक्लिअर विपन्स’ (परमाणु हथियार के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिये अंतरराष्ट्रीय दिवस) के अवसर पर सिग्मा स्कूल ऑफ़ फ़िज़िक्स, के.एस. कॉलेज रोड, रहमगंज लहेरियासराय द्वारा वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण मार्च निकाला गया । जिसमें आई.सी.ए. की दरभंगा शाखा एडू स्किल्स, बेंता ने भी सहभागिता दर्ज की। इस अवसर पर डब्लू.एन.डी. प्रेसिडेंट एवं लेखक जावैद अब्दुल्लाह, सिग्मा स्कूल ऑफ़ फ़िज़िक्स के डायरेक्टर एवं प्राध्यापक डॉ. बिजेंद्र मोहन, एम.एल.एस.एम. कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफ़ेसर विद्यानाथ झा, के.एस. कॉलेज के प्रिंसिपल मुहम्मद रहमतुल्लाह, आई.सी.ए. के निदेशक राहुल सिंह राणा ने हरी झंडी दिखाकर इस परमाणु निरस्त्रीकरण मार्च की शुरुआत की। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित परमाणु हथियार के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिये इस अंतरराष्ट्रीय दिवस को मार्च के रूप में मनाने का उद्देश्य पृथ्वी ग्रह से परमाणु हथियारों को पूर्णतः ख़त्म करने की जनचेतना जागरूक करना है। ज्ञात हो कि मिथिलांचल की धरती पर यह मार्च पहली बार निकाला गया है। वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण मार्च के निदेशक एवं लेखक जावैद अब्दुल्लाह ने समस्त पृथ्वीवासियों से यह आह्वान किया है कि पृथ्वी ग्रह का ‘लाइफ़ साइकिल’ बुरी तरह चरमरा रहा है और विश्व की सरकारें हैं, जो अरबों खरबों श्रम और धन को ऐसे हथियारों पर ख़र्च कर रही हैं जिसका लाइफ़ साइकिल में कोई योगदान नहीं है. इस सन्दर्भ में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ को वैश्विक लोकतंत्र के स्थापना के लिये विचार करने को कहा जिसके लिये उन्होंने नारा दिया, दुनिया की सरकारें, एक हों। Establish the Global Governments. Abolish the Nuclear Weapons. (विश्व लोकतंत्र की शुरुआत करें. परमाणु हथियारों का विनाश करें.) आयोजन सचिव सागर सिंह ने नारा दिया, हथियार मिटाओ संसार बचाओ। ज्ञात हो कि मार्च के दौरान हुई भारी वर्षा ने भी मार्च में शामिल लोगों के उत्साह को कम नहीं किया। यह मार्च सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर सिग्मा स्कूल ऑफ़ फिजिक्स से शुरू होकर के.एस. कॉलेज, होकर नाका-6 से कर्पूरी चौक, अलल्पट्टी से होते हुए पुनः सिग्मा स्कूल ऑफ़ फिजिक्स पर आकर संपन्न हुआ। सिग्मा स्कूल ऑफ़ फ़िज़िक्स के डायरेक्टर एवं प्राध्यापक डॉ. बिजेंद्र मोहन ने अपने बच्चों को संबोधित करते हुये कहा कि दुनिया के वैज्ञानिकों को अब सोचना होगा कि जिस विज्ञान का इस्तेमाल वो परमाणु हथियार के लिये लिये कर रहे हैं. क्या यह विज्ञान के लिये और इस धरती के लिये न्यायपूर्ण है? अतः अब नई पीढ़ी को चाहिए कि वो अपने विज्ञान को परमाणु हथियार और किसी प्रकार के घातक हथियार, जिससे इस धरती को ख़तरा हो, उसे पूरी तरह निरस्त करने के लिये आगे बढ़ें। सर्वप्रथम वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण मार्च फ़रवरी 1986 को अमेरिका के लॉस एंजेलिस में निकाला गया था। जिसमें सैकड़ों लोगों ने नौ महीने तक लगभग 3,700 मील की यात्रा की थी। जिसका उद्देश्य परमाणु प्रसार के बढ़ते ख़तरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना था. इस मार्च का संचालन सागर सिंह ने किया। कार्यकर्त्ता हरमैन अहमद, सन्नी, साजिद अब्दुल्लाह ने आदि भी मार्च में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
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