अपराध के खबरें

कोरोना महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेश का पालन ही एक मात्र उपाय है,अनंत कुशवाहा !



एक दूसरे से दूर रहे, स्वस्थ्य रहे, सुरक्षीत रहे,समाजिक दूरी का पालन करना ही एक मात्र उपाय है।


समस्तीपुर/ताजपुर


राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जिलाध्यक्ष अनंत कुशवाहा ने बयान जारी कर कहा कि पाटीॅ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार श्री उपेन्द्र कुशवाहा जी का आह्वान पर कोरोना महामारी कोविड-19 और उस कारण लॉकडाउन के कारण जिला और पुरे बिहार राज्य की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। सारे छोटे बड़े कारोबार ठप हो गए हैं। इस कारण बिहार के सभी लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूर को भयानक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। छोटे-छोटे दुकानदार फुटपाथ पर बैठकर जीविका चलाने वाले दैनिक मजदूरी करने वाले के सामने न सिर्फ आजीविका के खत्म होने का मामला है। बल्कि अब उनके सामने भूख की समस्या आ गई है। इस समस्या के समाधान के लिए ही प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया है। हमारी पार्टी समझती है कि अब बिहार सरकार के सामने धन की कमी का कोई मामला नहीं है।हमारी पार्टी मांग करती है कि समाज के सबसे निर्धनतम लोग धोबी, लुहार, बढ़ई, दर्जी, रेहड़ी-पटरी, नाई, हलवाई, कुम्हार, जुलाहा, जूता-चप्पल सिलने वाले कामगार और पान-चाय दुकान चलाने वाले को अविलम्ब नगद राहत देने की आवश्यकता है। हम उम्मीद करते हैं कि बिना एक दिन गवाएं अविलम्ब सभी जरूरत मंदों को न्यूनतम 5 हजार रुपए की मदद दी जाए,पॉल्टी फॉर्म मालिकों को भी बहुत नुकसान हुआ है। उनके नुकसान की भी भरपाई की जानी चाहिए,इसी तरह से दुकानदारों और कारोबारियों को बिजली बिल में फिक्सड चार्जेज से छूट मिलना चाहिए। सब्जी उत्पादकों को भी लॉकडाउन की वजह से बहुत नुकसान हुआ है। इनको भी तत्काल राहत पहुंचाना होगा। किसानों को जानबूझकर गेहूं फसल में हुए नुकसान के बदले इनपुट अनुदान नहीं मिल रहा है। किसान आहत हैं और उन्हें मदद की दरकार है। *बीड़ी मजदूर से लेकर रेहड़ी पटरी पर काम करने वाले लोगों को 5-5 हजार अनुदान देने की जरूरत है।साथ ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स / प्रिट मीडिया के साथीयो के द्वारा इस वैश्विक महामारी में अपने जान को जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं इन्हें भी आर्थिक सहयोग के रूप में 5-5 हजार रुपये अनुदान देने की जरूरत है। पार्टी की यह भी समझ है कि बिहार में कोई आधारभूत संरचना के नहीं होने के कारण करोड़ों लोगों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों में पलायन करना पड़ता है। जिस कारण किस असहनीय परिस्थिति का सामना बिहार वासियों को दूसरे जगहों पर उठाना पड़ा यह सर्वविदित है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी लगातार विशेष राज्य का दर्जा देने की बात करते रहे हैं, हालांकि जब से डबल इंजन की सरकार बनी है तब से उन्होंने विशेष राज्य का मुद्दा उठाना बंद कर दिया है।देश भर से प्रवासी मजदूर लाखों की संख्या में लौट रहे हैं। देश में यह परिलक्षित हो गया है कि राज्य की हालत बेहद खराब है, ऐसे में मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने मकी मांग करें। रालोसपा उनके इस मांग का पूरजोर समर्थन करेगी, लेकिन यह राजनीतिक स्टंट बनकर नहीं रह जाए। राज्य परिषद् सदस्य मोहिउदृिनगर विधानसभा सह जिला सचिव रालोसपा समस्तीपुर रंजीत कुमार ने जिला वासियों से अपील की है कि कोविड - 19 कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है इस स्थिति में सभी लोग अपने - अपने घरों में रहे, एक दूसरे से दूर रहे, स्वस्थ्य रहे, सुरक्षीत रहे ।तभी सब लोग बच सकते हैं। अन्यथा दुसरा कोई उपाय नहीं है। सोशल डिस्टेश का पालन ही एक मात्र उपाय है।
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live