अब आज की तारीख में उनको कोई लेने वाला भी नहीं बचा है.
नीतीश कुमार राजनेता और जेडीयू दल के तौर पर बहुत बड़े बोझ बन गए हैं और जो भी इस बोझ को उठाने की कोशिश करेगा वो भी उस बोझ के तले नीचे दबकर मर जाएगा.जेडीयू की होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के प्रश्न पर प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश कुमार का अपना तरीका है और वो ताश के पत्तों की तरह वह अपनी पार्टी में नेताओं को ऊपर-नीचे करते रहते हैं. यही कारण है कि 18 वर्षों से मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्होंने अपनी पार्टी में सेकेंड लाइन लीडरशिप या संगठन बनाया ही नहीं.पीके ने अपने बारे में जिक्र करते हुए बोला कि 2014 में हमने दांव लगाया और नीतीश कुमार हमको लेकर आए. नीतीश कुमार ने घोषणा कर दी कि यही हमारे उत्तराधिकारी हैं और यही हमारे आगे रहेंगे. चुनाव जब जीत गए तो सोचे कि प्रशांत किशोर कोई बड़ा नेता न बन जाए और अब इसको हटाकर दूसरे को बनाओ. मुझे इस बात का बिल्कुल भी मलाल नहीं है. दरभंगा के डीएमसीएच खेल मैदान में पत्रकार वार्ता के क्रम में प्रशांत किशोर ने बोला कि अब नीतीश कुमार के साथ जाने का कोई प्रश्न ही नहीं है.