संवाद
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात 8:25 मिनट मौत हो गई। जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली कि मुख्तार को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी।
अपराध की दुनिया में बड़ा नाम होने पर मुख्तार अंसारी ने सियासत में कदम रखे और 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की.
इसके बाद उसने 2017 तक लगातार मऊ सदर विधानसभा की सीट पर पांच बार जीत दर्ज की
आख़िरी तीन चुनाव उसने देश की अलग-अलग जेलों में बंद रहते हुए लड़े...
माफिया मुख्तार के परिवार की गिनती गाजीपुर में बड़े सियासी घराने के रूप में होती थी.. उसके परिवार में आपराधिक पृष्ठभूमि से कोई नहीं था.. मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे.
वहीं भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के चाचा हैं.