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ख्याति प्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ रहे स्वर्गीय डॉ प्रभात कुमार की पत्नी को उम्मीदवार बना सकती है कांग्रेस महाराजगंज से

संवाद 


पटना। महागठबंधन के दलों में सीटों का बंटवारा हो गया है और ऐसे में सारण प्रमंडल की सबसे हॉट सीट समझी जाने वाली महाराजगंज सीट राजद के खाते से कांग्रेस में चली गई है यह वही महाराजगंज सीट है जहां से देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर केंद्रीय मंत्री राम बहादुर सिंह और सारण के सबसे कद्दावर नेता प्रभुनाथ सिंह सांसद रहे हैं। 2009 में इस सीट से लगातार जीत की हैट्रिक बना चुके जदयू उम्मीदवार प्रभु नाथ सिंह को राजद के उम्मीदवार उमाशंकर सिंह ने मामूली मतों से पराजित किया था पर 2013 में ही सांसद रहते उमाशंकर बाबू का निधन हो गया और उपचुनाव में राजद के सिंबल पर प्रभुनाथ सिंह चुनाव जीत गए। 2014 में मोदी लहर में कांटे की टक्कर में प्रभु नाथ सिंह को चुनाव हारना पड़ा। तथा पहली बार जनार्दन सिंह सिग्रीवाल यहां से बीजेपी के सिंबल पर चुनाव जीतने में सफल रहे। 2019 में इसी सीट पर राजद के सिंबल पर प्रभुनाथ सिंह के पूर्व विधायक पुत्र रणधीर सिंह को भी बीजेपी उम्मीदवार जनार्दन सिंह सिगड़ीवाल से हार का सामना करना पड़ा। पिछले 5 वर्ष से प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह महाराजगंज में खूब पसीना बहा रहे थे उनके टिकट काटने की संभावना भी नहीं थी पर अंतिम समय में राजद ने यह सीट कांग्रेस को गिफ्ट में दे दी ऐसे में पूरा सियासी समीकरण बदल गया है। बीजेपी ने दो बार के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर ही तीसरी बार भरोसा जताया है जबकि कांग्रेस की तरफ से कौन उम्मीदवार होगा इस बात पर कई सारी चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। चर्चा प्रबल है कि अखिलेश सिंह के प्रभुनाथ सिंह से पारिवारिक संबंध रहे हैं ऐसे में रणधीर सिंह को कांग्रेस के सिंबल पर भी मैदान में उतर जा सकता है पर लालू प्रसाद यादव का दबाव है की सीट से ब्राह्मण या भूमिहार को टिकट दिया जाए और लालू के दबाव को देखते हुए महाराजगंज से कांग्रेस के विधायक विजय शंकर दुबे, पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह के पुत्र जितेंद्र स्वामी मसरख के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह एमएलसी सच्चिदानंद राय कांग्रेस का सिंबल चाहते हैं। वैसे अंदरूनी खबर है कि भूमिहार बिरादरी से ही आने वाले देश के बड़े हृदय रोग विशेषज्ञों में शुमार रहे स्वर्गीय डॉ प्रभात कुमार की पत्नी शुभ्रा सिंह की मुलाकात अखिलेश सिंह से हुई है और उनके परिवार का पुराना संबंध रहा है ऐसे में शुभ्रा सिंह ने महाराजगंज से चुनाव लड़ने की अपनी सहमति भी जाता दी है। अगर भूमिहार बिरादरी से यह सीट कांग्रेस किसी को देती है तो ऐसे में डॉक्टर प्रभात कुमार की पत्नी उम्मीदवारी पक्की मानी जा रही है। डॉ प्रभात कुमार महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के बसंतपुर के बड़कागांव के निवासी थे और इलाके में उनका बड़ा प्रभाव था। महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाताओं के बाद निर्णायक भूमिका में भूमिहार मतदाता है उसके बाद अन्य जातियों का बिखरा बिखरा वोट बैंक है। अस्तित्व में आने के बाद महाराजगंज से एक बार सिर्फ भूमिहार के निदेशक गिरिजा देवी चुनाव जीतने में सफल रही है नहीं तो आजादी के बाद से अब तक यहां राजपूत उम्मीदवार ही चुनाव जीतते रहे हैं।

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