बिहार के विश्वविद्यालयों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स (अतिथि शिक्षक) पर बिहार सरकार जल्द ही निर्णय ले सकती है. अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) के बकाया मानदेय और उनकी सेवा को लेकर सरकार का निर्णय आ सकता है. गोपालगंज में पहुंचे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने इसका संकेत दे दिया है. केके पाठक ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए बोला कि सरकार इस पर निर्णय जल्द लेगी. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार इस पर निर्णय ले सकती है. वहीं, गेस्ट टीचर असमंजस में हैं कि उन्हें मानदेय राज्य सरकार से मिलेगी या विश्वविद्यालय से? ऐसे में उनके लिए पेंच फंसता जा रहा है.उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पिछले फरवरी महीने ही एक पत्र भेजा था, जिसमें गेस्ट टीचर्स को मानदेय भुगतान के लिए विश्वविद्यालयों के पास उपलब्ध राशि से करने का आदेश दिया था. डॉ. रेखा कुमारी ने बोला था कि विश्वविद्यालयों के पास खाते में 16 अरब 76 करोड़ 95 लाख से अधिक राशि उपलब्ध है.
गेस्ट टीचर्स को राज्य सरकार से राशि नहीं मिलने की बात पत्र के जरिए कही गई थी,
इसके बाद विश्वविद्यालयों ने अब तक गेस्ट टीचरों को बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया है.राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पिछले 11 महीने से सेवा दे रहे गेस्ट टीचर्स को विश्वविद्यालय से मानदेय नहीं मिला है. मानदेय नहीं मिलने से गेस्ट टीचर परेशान हैं और पिछले महीने पटना में जाकर सरकार के प्रतिनिधि से मुलाकत कर मानदेय की मांग उठाई थी. वहीं, अब अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा गेस्ट टीचर्स को लेकर नीतीश सरकार द्वारा बड़ा निर्णय लेने का संकेत दिया गया है, जिससे गेस्ट टीचर्स को उम्मीद जगी है. बता दें कि 2400 के लगभग गेस्ट टीचर हैं, जो विभिन्न विश्वविद्यालयों के कॉलेज में सेवा दे रहे हैं.