बिहार में जब पिछले महीने फिर से एनडीए (NDA) की सरकार बनी थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने पिछली सरकार के किए गए कामों की समीक्षा कर एक्शन लेने की बात बोली थी. एनडीए सरकार ने अब एक्शन प्रारंभ कर दिया है. सरकार ने विधानसभा में होने वाली सुरक्षा प्रहरियों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया है तो कई विभाग की निविदाओं को रद्द कर जांच के निर्देश दिए हैं.बिहार सरकार ने बिहार विधानसभा की सुरक्षा प्रहरी (मार्शल) भर्ती लिखित परीक्षा रद्द कर दी है. अब इसके लिए नए सिरे से परीक्षा होगी. परीक्षा की नई तारीख बाद में घोषित की जाएगी. बिहार विधानसभा सुरक्षा प्रहरी (मार्शल) भर्ती परीक्षा का आयोजन पिछले वर्ष 10 सितंबर को किया गया था. इसमें 27 हजार से अधिक अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे. इसके बाद इसी वर्ष 19 से 22 जनवरी तक शारीरिक दक्षता व जांच परीक्षा भी आयोजित की गई थी.इधर, सरकार ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) में पिछले कुछ महीनों में हुए सभी एकल निविदाएं (सिंगल टेंडर) रद्द करने का फैसला लिया है.
बताया गया है कि अब तक जारी 4500 करोड़ रुपए की निविदाओं की जांच होगी.
उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि कई निविदाओं को लेकर शिकायतें मिलती रही हैं. जांच के क्रम में साक्ष्यों को आधार बनाते हुए विभागीय जांच का निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने बोला कि जो भी आरोपी पाए जाएंगे, कार्रवाई होगी.इस बीच, ग्रामीण सड़कों के निर्माण को लेकर पिछले महीनों में हुई निविदा की भी जांच कराने के फैसले लिए गए हैं. बताया जाता है कि आनन फानन में कई एजेंसियों का चयन कर काम आवंटित किए गए. इसके बाद विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, बिहार शिक्षा विभाग ने 1,205 ऐसे ‘डुप्लिकेट’ शिक्षकों का पता लगाया है जो एक ही अनुक्रमांक किसी अन्य शिक्षक के साथ साझा करते हैं, लेकिन अलग-अलग स्कूलों में तैनात हो सकते हैं.