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'मुझे चमचा नहीं बनना.. बॉक्सर विजेंदर ने क्यों छोड़ी कांग्रेस?

संवाद 

 हरियाणा के भिवानी से ओलम्पियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. बुधवार को उन्होंने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. हालांकि, चर्चाएं थी कि विजेंदर सिंह को कांग्रेस पार्टी मथुरा से हेमा मालिनी के खिलाफ टिकट दे रही है, लेकिन एकदम से विजेंदर सिंह के कदम से भी कांग्रेस को झटका लगा है.

दरअसल, विजेंदर सिंह हरियाणा के भिवानी से आते हैं. चर्चाएं हैं कि विजेंदर सिंह हरियाणा से कांग्रेस से टिकट चाहते थे, लेकिन कांग्रेस उन्हें मथुरा से ही लड़वाना चाहती थी. विजेंदर सिंह के भाई मनोज सिंह ने न्यूज18 से फोन पर बातचीत पर भाई के पार्टी बदलने की वजह भी बताई. 

उनसे जब पूछा गया कि विजेंदर सिंह हिसार से चुनाव लड़ना चाहते थे और इसी कारण उन्होंने पार्टी छोड़ी, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हैं. मनोज ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर ही भाजपा में शामिल हुए हैं. कांग्रेस का भविष्य अंधकार में हैं. बात देश को सही दिशा में ले जाने की है. टिकट की बात नहीं हैं. सच्चाई यह है कि चुनाव अपनी जगह हैं, नीतियां अपनी जगह हैं. भाजपा कहीं से भी टिकट दे देगी तो हम लड़ जाएंगे.

मनोज ने बताया कि वह खुद फौजी रहे हैं और कारगिल युद्ध में भी लड़े हैं. ऐसे में देशहित की बात में सही फैसला लिया है. टिकट नहीं भी मिला तो पार्टी के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि बुधवार को ही उनकी विजेंदर सिंह से बातचीत हुई है. वह दिल्ली जाएंगे और भाई से बात करेंगे. मनोज ने बताया कि भाजपा में शामिल होने पर भाई ने फोन पर कहा कि देश सेवा के लिए फैसला लिया है.

विजेंदर सिंह के यूपी से ना चुनाव लड़ने की बात पर भाई मनोज ने कहा कि हमारा नाता हरियाणा से है. यहां से खेल में कई लोग सामने आ रहे हैं. ऐसे में खेल में हमें कोई काम मिलेगा तो वैसे काम करेंगे. साथ ही मनोज ने कहा कि विजेंदर सिंह भाजपा का प्रचार करेंगे.

मेहनत करके निकला हूं- विजेंदर सिंह

वहीं, न्यूज18 इंडिया से बातचीत में विजेंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने की वजह भी बताई. हालांकि, उन्होंने ज्यादा खुलकर नहीं कहा. लेकिन बोले कि डिसीजन मैकिंग की स्पीड काफी स्लो है. विजेंदर सिंह बोले कि मुझे चमचा नहीं बनना है. मैं गांव से निकला हूं. मेहनत करके निकला हूं. मुझे किसी की पूंछ नहीं पकड़नी हैं और चमचा नहीं बनना है. मैं चुपचाप बैठकर खुशामद नहीं कर सकता हूं. हर सिक्के के दो पहलू हैं. आप को तय करना है, क्या चुनना है. जाटों की नाराजगी पर बिजेंद्र सिंह कहते हैं कि हम जाटों में काफी कॉन्फलिक्ट हैं. उन्हें सही दिशा में ले जाना होगा. यही मेरी अहम जिम्मेदारी है.

कौन हैं विजेंद्र सिंह 

ओलंपिक बॉक्सर विजेंद्र सिंह हरियाणा के भिवानी जिले के गांव कुलवास गांव के रहने वाले हैं. 29 अक्टूबर 1985 में उनका जन्म हुआ है. वह साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में बॉक्सिंग स्पर्धा में ब्रांज मेडल जीते थे. 

इसके अलावा, उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत को पदक दिया था. साल 2019 में वह कांग्रेस में शामिल हुए थे और फिर दिल्ली से चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह लोकसभा का यह चुनाव हार गए थे. वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे. लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है.

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