बिहार में एक के बाद एक कांग्रेस नेता त्यागपत्र दे रहे हैं. चुनाव के बीच अब कांग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा ने भी शनिवार (11 मई) को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है. अपना त्यागपत्र उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दिया है. त्यागपत्र में विनोद शर्मा ने कांग्रेस पर आरजेडी के सामने घुटने टेकने का इल्जाम लगाया है, विनोद शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. अपने इस्तीफे में उन्होंने कांग्रेस पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने लिखा है कि रष्ट्रहित और राज्य हित में दुखी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तथा सभी पदों से त्यागपत्र देता हूं. चूंकि बिहार में कांग्रेस पार्टी ने जंगलराज पार्ट-2 की शुरूआत के लिए आरजेडी के सामने घुटने टेक दिए हैं.भारत तेरे सौ-सौ टुकड़े होगें का नारा लगाने वाले सरगना को दिल्ली की लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाना ही मंशा स्पष्ट है. उन्होंने आगे लिखा, "आदरणीय सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी के साथ-साथ पूरे देश में खोटे सिक्के और धन कुबेरों को आगे बढ़ाना चाहती है. जिससे पार्टी पूरी तरह से खत्म हो रही है." विनोद शर्मा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बोला कि पार्टी में मात्र 7 महीना ही रह पाया हूं.
काफी पहले से मैं बीजेपी में था,
लेकिन बीजेपी से कुछ वजहों से मैं कांग्रेस में चला गया था. हालांकि उन्होंने बोला कि मुझे कांग्रेस पार्टी से लोकसभा में टिकट देने की बात बोली गई थी, लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने बोला कि मेरी मंशा पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से लड़ने की थी लेकिन पाटलिपुत्र आरजेडी के खाते में चला गया. उसके बाद कहीं से मुझे टिकट नहीं दिया गया. इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. उन्होंने आगे बोला कि मैं बीजेपी में भी सम्मिलित हो सकता हूं, लेकिन मैने अभी समय तय नहीं किया है.बताते दें कि विनोद शर्मा बीजेपी में काफी पुराने नेता और मीडिया प्रभारी रहे थे, लेकिन टिकट की लोभ में वह कांग्रेस में सम्मिलित हुए थे. उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रमण भी किए थे और पोस्ट वार भी किया था. नित्यानंद राय को लेकर भी उन्होंने बगैर नाम लिए हुए पार्टी में तानाशाही का इल्जाम लगाया था. अब कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने के बाद वह फिर अपने घर वापसी के मूड में है. पिछले वर्ष 2023 में ही उन्होंने अक्टूबर महीने में बीजेपी से त्यागपत्र देकर कांग्रेस ज्वाइन किया था, लेकिन 7 महीने भी वो कांग्रेस पार्टी में नहीं रह पाए.